Sunday, 16 December 2018

Andhadhun (अन्धाधुन), 2018 की कहानी

  • फिल्म अंधाधुन के निर्देशक - श्रीराम राघवन
  • फिल्म अंधाधुन  के कलाकार - आयुष्मान खुराना, तब्बू, राधिका आप्टे, अनिल धवन, मानव विज

फिल्म अन्धाधुन की कहानी -
पुणे में एक घर मे एक नेत्रहीन व्यक्ति आकाश (आयुष्मान खुराना) रहता है जो म्यूजिक टीचर है। पुणे में ही  बॉलीवुड के गुजरे जमाने के अभिनेता प्रमोद सिन्हा रहते है जो अब फ़िल्मी दुनिया से दूर हो चुके हैं और आजकल वो रियल स्टेट के कारोबार करते हैं। उनके साथ उनकी दूसरी पत्नी सिमी (तब्बू) रहती है जिससे उन्होंने 3 साल पहले ही शादी की थी। प्रमोद की पहली शादी से एक बेटी है जिसका नाम दानी है जो कहीं बाहर रहती है। 
एक दिन आकाश आकाश पैदल ही कहीं जा रहा था तभी एक लड़की सोफी (राधिका आप्टे) की  स्कूटी से उसे थोड़ा धक्का लग जाता है। सोफी को काफी पछतावा होता है, वो उसे उठा कर अपने पापा के रेस्टुरेंट ले कर चली आती है। वहां आकाश सोफी को बताता है कि वो पियानो बजाता है, ये सुन कर सोफी ने उसे अपने पापा के रेस्टुरेंट में पियानो बजाने का काम दिलवा देती है, क्योंकि उसके रेस्टुरेंट में पियानो बजाने वाले की सख्त जरुरत है. साथ ही सोफी आकाश से वायदा करती है कि मैं रोज तुम्हे तुम्हारे घर से लाने आ जाउंगी और वापस घर भी छोड़ दूंगी।

दरअसल आकाश वास्तव में नेत्रहीन नहीं है बल्कि वो नेत्रहीन बनने का नाटक किया हुआ है, क्यों की उसे इसमें मजा आता है. जब वो घर में अकेला रहता है तब वो अपने वास्तविक रूप में आ जाता है और जब भी वो बाहर निकलता है तो नेत्रहीन की तरह व्यवहार करने लगता है और काला चश्मा से ले कर छड़ी के सहारे चलता है। ये राज किसी को भी नहीं पता है, इसलिए सोफी सोचती है कि आकाश  वास्तव में नेत्रहीन है। उन दोनों में दोस्ती हो जाती है और सोफी आकाश से प्यार करने लगती है।
एक दिन जब आकाश रेस्टुरेंट में पियानो बजा रहा  रहा था तब वहीँ पर उसकी मुलाकात प्रमोद सिन्हा से हुई। प्रमोद आकाश के पियानो वादन से बहुत प्रभावित होता है और दोनों में दोस्ती हो जाती है। 

कुछ दिन बाद उसी रेस्टुरेंट में प्रमोद सिन्हा ने आकाश को अपने घर पर अपनी शादी की सालगिरह के अवसर पर पियानो बजाने के लिए बुलाया, क्यों कि प्रमोद की पत्नी सिमी को पियानो सुनना बहुत अच्छा लगता है। आकाश हाँ कर देता है. रेस्टुरेंट में पियानो बजाने का प्रोग्राम खत्म होने  के बाद सोफी हर दिन की तरह आकाश को छोड़ने उसके घर पर जाती है तब वक़्त बहुत बारिश हो रही होती है। सोफी आकाश के यहाँ ही रुक जाती है और दोनों आपस मे शारीरिक सम्बन्ध बना लेते हैं।
उधर प्रमोद सिन्हा घर जा कर अपनी पत्नी सिमी को कहते हैं कि कल मैं बंगलौर जा रहा हूँ. सिमी कहती है कि कल शादी की सालगिरह है और तुम बगलोर क्यों जा रहे हो तो प्रमोद सिन्हा कहते हैं कि जरुरी काम है शाम को लौट आऊंगा. 

अगले दिन प्रमोद सिन्हा अपने घर से बंगलौर जाने के लिए निकलते तो हैं, लेकिन अपनी पत्नी को सरप्राइज देने के लिए बंगलौर नहीं जाते हैं और वापस अपने फ्लैट पर आ जाते है. जहाँ वो देखते हैं कि सिमी अपने पति की गैर-मौजुदगी में अपने किसी बॉय फ्रेंड के साथ आपत्तिजनक स्थिति में है. अपनी पत्नी को उसके बॉयफ्रेंड के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख कर प्रमोद हैरान रह जाते हैं तभी उसका बॉय फ्रेंड (मानव विज) ने उसे गोली मार दिया. और प्रमोद की वहीँ पर मौत हो जाती है.
अभी सिमी और उसका बॉय फ्रेंड दोनों सकते में ही हैं कि तभी आकाश प्रमोद सिन्हा के फ्लैट पर आ जाता है क्यों कि उसे प्रमोद सिन्हा ने पियानो बजाने बुलाया था. जब आकाश कॉल बेल बजाता है तब सिमी का बॉय फ्रेंड बाथरूम में छिप जाता है और सिमी ने दरवाजा खोला. वो आकाश को नहीं जानती है इसलिए आने का कारण पूछा तो आकाश बताता है कि प्रमोद सिन्हा ने उसे आज शादी के सालगिरह के अवसर पर पियानो बजाने बुलाया था. सिमी कहती है कि प्रमोद बंगलोर चले गए हैं। तभी प्रमोद के सामने वाली पड़ोसन दरवाजा खोल कर उन दोनों को देखने लगती है, इससे सिमी असहज हो गयी और आकाश को फ्लैट के अंदर बुला लिया और उसे पियानो बजाने के लिए कह दिया. आकाश पियानो बजाने लगता  है जिसे सुनकर सिमी बहुत खुश होती है। तभी आकाश बाथरूम जाने की बात करता है। बाथरूम जाते वक्त वो प्रमोद सिन्हा की लाश  देखता है जो खून से लथपथ पड़ी हुई थी। वो देख कर घबरा जाता है लेकिन सिमी को अहसास नहीं होने देता कि उसने देख लिया है, उधर सिमी को लगता है कि आकाश नेत्रहीन है इसलिए कुछ नहीं देख रहा है. जब आकाश बाथरूम में जाता है तो वहां बॉय फ्रेंड को एक पिस्तौल लिए खडा है, जिसे आकाश ने देख तो लिया मगर अहसास नहीं होने दिया कि उसने उसे देख लिया है. वो पिशाब कर के वापस पियानो बजाने पहुँच जाता है और पियानो बजाने लगता है. वो समझ जाता है कि सिमी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर प्रमोद सिन्हा का क़त्ल कर दिया है.
उसके सामने ही सिमी और उसका बॉयफ्रेंड ने प्रमोद के खून के सारे दाग धब्बे साफ करते हैं। सिमी का बॉयफ्रेंड प्रमोद की लाश को को एक सूटकेस में रखकर ठिकाने लगाने चला जाता है। उसके बाद आकाश भी वहां से निकल जाता है और प्रमोद के क़त्ल की जानकारी देने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंच जाता है। वो वहां उस वक़्त हैरान रह जाता है जब देखता है कि सिमी के जिस बॉय फ्रेंड ने प्रमोद का कत्ल किया था वही यहाँ का सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर मनोहर है. इंस्पेक्टर मनोहर भी उसे देख लेता है. अब आकाश घबरा कर कहता है कि शायद उसकी बिल्ली का क़त्ल हो गया है और मैं उसी की रिपोर्ट लिखवाने यहाँ आया हूँ. लेकिन इंस्पेक्टर मनोहर को शक हो जाता है कि ये अंधा नहीं है और इसने सबकुछ देख लिया है। वो आकाश के साथ उसके घर पर चला जाता है लेकिन वहां आकाश इंस्पेक्टर मनोहर को विश्वास दिला देता है कि मैं वास्तव में नेत्रहीन हूँ और मुझे कुछ नहीं पता है. इंस्पेक्टर मनोहर वहां से चला जाता है। 
फिर उसी शाम में सिमी भी आकाश के रेस्टुरेंट में जाती है जहां आकाश पियानो बजा रहा था। वहां वह उस तरह से व्यवहार करती है जैसे कुछ हुआ ही ना हो और वो वहां सिमी सबको बताती है कि प्रमोद बंगलौर चले गए हैं.

अगले दिन प्रमोद सिन्हा की लाश शहर के बाहर एक तालाब में मिलती है। उधर इंस्पेक्टर मनोहर प्रमोद की घडी को एक पब्लिक टॉयलेट में फेंक देता है, उस घडी को एक दुसरे आदमी ने उठा लिया. और जैसे ही वो उस घडी को उठाता है इन्स्पेक्टर मनोहर उसे दबोच लेता है और उसपर ही प्रमोद के क़त्ल का इल्जाम लगा देता है। इस केस की जांच भी  इंस्पेक्टर मनोहर को ही मिलती है।
प्रमोद सिन्हा के शोक सभा मे आकाश प्रमोद के फिल्म के गाने की धुन ही पियानो पर बजा रहा था। वहां पर प्रमोद की बेटी दानी (रेशमी) ने आकाश को कहा कि वो भी पियानो सीखना चाहती है, इसलिए क्या आप मुझे पियानी सिखा देंगे, और आकाश ने कल वहां आने की सहमती दे दिया. उसी शोक सभा में ही प्रमोद सिन्हा की सामने वाली पड़ोसन बुजुर्ग महिला ने एक पुलिस को बताया कि प्रमोद के सालगिरह के दिन सबसे पहले एक तीसरा आदमी प्रमोद के यहाँ आया, फिर प्रमोद आया फिर आकाश आया. फिर उसने प्रमोद को वहां से निकलते हुए नहीं देखा.  
पुलिस वाले ने पड़ोसन की ये बात इंस्पेक्टर मनोहर को बताया और कहा कि वो बूढ़ी औरत उस तीसरे आदमी को देखने पर पहचान लेगी। इंस्पेक्टर मनोहर ने ये बात सिमी को बता दी। सिमी उसी दोपहर को उस बूढ़ी औरत को अपार्टमेंट से धक्का मार कर गिरा देती है। जिस वक़्त सिमी अपनी बूढी पड़ोसन को अपार्टमेंट से गिरा रही थी, ठीक उसी वक़्त लिफ्ट से आकाश भी वहां आ गया. उसने सिमी को बूढ़ी औरत को अपार्टमेंट से गिराते हुए देख लिया था, लेकिन वो नेत्रहीन बन कर कुछ ना देखने का नाटक करता रहा।  और अफरातफरी के माहौल में आकाश घबरा कर वहां से वापस अपने घर चला आता है। और वो वहां जा कर सोफी को फोन कर उसी वक़्त आने को कहता है.  तभी सिमी वहां आ जाती है और सिमी को वहां देख कर आकाश बुरी तरह से घबरा जाता है, लेकिन अपने आप पर काबू रखता है. सिमी आकाश को खाने के लिए प्रसाद देती है। आकाश सिमी के लिए कॉफ़ी बनाता है, सिमी उसके सामने ही आकाश के कॉफ़ी में कुछ मिला देती है। यह देख आकाश देख घबरा जाता है और जानबूझ कर कॉफ़ी गिरा देता है। ये देखते ही सिमी समझ गयी कि आकाश अंधा नही है, और वह उसपर पिस्टल तान देती है और आकाश को अपना नाटक बन्द करने को कहती है। आकाश अपने आंख पर से चश्मा हटाता है और कहता है हालांकि उसने सबकुछ देखा है लेकिन वो किसी को कुछ नही बताएगा। और जल्द ही ये शहर छोड़ कर लंदन चला जायेगा। तभी आकाश को चक्कर आता है और वो गश खा कर गिर जाता है, क्योंकि सिमी ने प्रसाद में ही नशे की गोली मिला दी थी। तभी वहां सोफी आ जाती है। जब सोफी आकाश के घर का दरवाजा खटखटाया तब तब्बू दरवाजा खोलती है और वो उसके बदन पर एकमात्र तौलिया है. उधर जब सोफी अंदर जाती है तो आकाश को बिस्तर पर नंगा लेटा हुया देखती है जो बेहोश था, उसके उठाने पर भी आकाश नहीं उठा तो सोफी काफी गुस्सा होती है. सिमी उससे झूठ कहती है कि आकाश और हमने अभी अभी शारीरिक सम्बन्ध बनाए हैं और ये सब हम दोनों के बीच चलता रहता है। यह सुन सोफी गुस्से में भर कर वहां से  निकल जाती है। 
थोड़ी देर के बाद आकाश  को होश आता है। तो उसे वास्तव में कुछ नही दिख रहा होता है। सिमी ने बताया कि मैंने तुम्हे वास्तव में अंधा कर दिया. और कह कर चली जाती है.
आकाश सोफी को फोन करता है लेकिन सोफी गुस्से में है और आकाश के किसी बात पर यकीन नहीं करती है। इधर सिमी इंस्पेक्टर मनोहर को बता देती है कि मैंने आकाश को सच मे अंधा कर दिया। मनोहर ने कहा कि आकाश को अंधा करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि उसे जान से मार देना ही उचित है. सिमी मनोहर को ही ये काम करने को कहती है.
मनोहर आकाश को मारने के लिए उसके घर चला आता है, और उसकी हत्या करने की कोशिश करता है लेकिन आकाश किसी तरह वहां से भाग आता है। भागते भागते आकाश एक गली में आकर एक खम्भे से टकरा कर गिर कर बेहोश हो जाता है. कुछ देर के बाद वो आकाश अपने आप को किसी एक अनजान जगह पाता है, उसे कुछ दिख नहीं रहा था. दरअसल उसे एक महिला शकू और बंदु नामक एक लड़के ने उसे उठाकर एक ऐसे डॉक्टर सवामी (जाकिर हुसैन)  के गुप्त क्लिनिक पर लेकर चले आये हैं जहाँ वो डॉक्टर स्वामी दूसरों का किडनी, लीवर आदि अंग निकाल देता है और दुसरे रोगी को बेच देता है. डॉक्टर स्वामी आकाश की  किडनी उतारने ही वाला था तभी तभी आकाश को शक हो कि उसके साथ कुछ गलत होने वाला है। वो एक करोड़ एक करोड़ रुपया कहते हुए बेहोश हो जाता है। एक करोड़ रुपया सुनकर डॉक्टर स्वामी और उसके सहयोगी उसका ऑपरेशन नही करते हैं। 
अगली सुबह आकाश को जब होश आता है तब डॉक्टर स्वामी उससे पूछता है कि एक करोड़ का क्या चक्कर है? तब आकाश कहता है मैं आपलोगों के लिए एक करोड़ रुपये का लॉटरी हूँ। 
उधर इंस्पेक्टर मनोहर सिमी के ऑफिस आता है और बताता है कि आकाश भाग गया, सिमी मनोहर पर बहुत नाराज होती है। सिमी वापस अपने घर मे आती है और देखती है कि आकाश उसके घर मे है और दामी को पियानो सीखा रहा है। सिमी बहुत हैरान हो जाती है,  सिमी आकाश को छोड़ने के बहाने अपनी कार में ले कर निकलती है और मनोहर को फोन कर के बता देती है कि आकाश उसके साथ है। मनोहर सिमी को कहता है कि वो आकाश को लेकर उसी तालाब के पास आये जहाँ उसने प्रमोद की लाश फेंका था. फिर सिमी आकाश को कार में बिठा कर उसी तालाब की तरफ चल देती है. रास्ते में आकाश ने सिमी से एक करोड़ रूपये की मांग करता है और कहता है कि एक करोड़ रूपये नहीं मिले तो वो प्रेस में सब कुछ बता देगा. सिमी उसे एक रुपया भी देने से इनकार कर देती है. तभी एक सुनसान सडक पर सामने एक ऑटो रुका हुआ था जिसने सिमी के कार का रास्ता रोक रखा था. जब सिमी उस ऑटो को रास्ते पर से हटने कहती है तभी उस ऑटो शकू और बंदु  निकलते हैं और सिमी का अपहरण कर लेते हैं. 
आकाश इंस्पेक्टर मनोहर  की पत्नी को फोन कर के बता देता है कि इंस्पेक्टर ने ही प्रमोद सिन्हा की हत्या की है। और इस राज को छिपाने के लिए वो इंस्पेक्टर प्रमोद से एक करोड़ रुपये की मांग करता है। 
इधर आकाश ने सिमी की कार को तालाब के  किनारे छोड़ दिया और उसके चप्पल भी वही रख दिया जिससे  अफवाह फैल जाती है कि सिमी ने भी प्रमोद के वियोग में आकर उसी जगह आत्महत्या कर ली है. लेकिन हकीकत तो ये है कि सिमी जिन्दा है और आकाश व उसके साथियों के कब्जे में है। 
मनोहर आकाश को एक करोड़ रुपये देने को तैयार हो जाता है। और वो एक करोड़ रुपये देने निकल पड़ता है। लेकिन इधर आकाश को उसके ही साथी बंदु और शकू ने सिमी के कमरे में ही बांध दिया और एक करोड़ रुपया अकेले हड़प कर लेने की नीयत से वहां से भाग जाते हैं। 
बंदू और शकू एक निर्माणाधीन अपार्टमेंट में जाते हैं और वहीं मनोहर को बुलाते हैं। मनोहर वहां पैसे ले कर आता है। जब बंदु पैसे उठा रहा होता है तभी मनोहर उसे गोली मार देता है। जबकि शकू बेसमेंट में छिपी हुई रहती, मनोहर बंदु से शकू की लोकेशन पूछता है तो बंडू बता देता है कि शकू बेसमेंट में छिपी हुई है.  ये जानने के बाद मनोहर लिफ्ट से बेसमेंट की तरफ नीचे जाता है लेकिन बंदु ने फोन कर के बेसमेंट में छिपे शकू को बता देता है कि इंस्पेक्टर मनोहर लिफ्ट से बेसमेंट की तरफ जा रहा है।ये सुन शकू ने ने पॉवर सप्लाई ऑफ कर दिया, जिससे लिफ्ट बीच रास्ते मे ही बंद हो जाता है और मनोहर उसी में फंस कर रह जाता है। शकू  बेसमेंट से ऊपर आकर बंदु को उठाती है और अस्पताल लेकर जाती है। लेकिन अस्पताल में बंदु मर जाता है। एक करोड़ रुपये शकू के के पास ही रह जाता है। 
इधर आकाश किसी तरह अपने आपको बन्धन से आजाद करता है, लेकिन वो कुछ देख नही पा रहा था, इसलिए सिमी ने उसे अपनी आंख खोलने को कहती है ताकि वो उसकी मदद कर सके। आकाश उसकी बातों में आकर सिमी की आंख की पट्टी खोल देता है। आंख खुलते ही सिमी एक कैंची की मदद से अपने हाथ के बंधन को काट कर आजाद हो जाती है, और आकाश पर हमले कर देती है। अभी दोनों में गुत्थम गुत्था हो ही रहा था कि डॉ स्वामी वहां आ जाता है और किसी तरह सिमी को बेहोश कर देता है। फिर डॉक्टर स्वामी और आकाश एक कार की डिकी में सिमी को रख कर जाने लगे, रास्ते में डॉ. स्वामी आकाश को हटा है कि सिमी का लीवर, किडनी आदि को वो बेचने जा रहा है. आकाश कहता है कि सिमी को छोड़ दो क्यों कि अब वो और ज्यादा खून खराबा नहीं चाहता.  इस बीच सिमी को होश आ जाता है और वो डिक्की को धक्के देने लगती है. ये देख कर डॉ. स्वामी सिमी को फिर से बेहोश करने के लिए गाडी रोक कर डिक्की खोलता है, लेकिन सिमी ने डॉ. स्वामी पर किसी चाक़ू से वार कर उसे घायल कर दिया और उसे वहीँ छोड़ आकर ड्राइविंग सीट पर आ कर बैठ गयी.उधर आकाश को लगता है कि ड्राइविंग सीट पर डॉ. स्वामी ही बैठा हुआ है, ऐसा सोच कर उसने फिर से कहा कि सिमी को छोड़ दो. सिमी उसे बताती है कि डॉ. स्वामी को मैंने मार दिया है. ये सुन कर आकाश घबरा जाता है और सिमी को कहता है कि मुझे यही उतार दो. सिमी कार कड़ी आकर के  आकाश को उतर जाने को कहती है. आकाश कार से उतर जाता है. सिमी कुछ दूर आगे बढती है और फिर वापस कार को मोड़ कर आकाश की तरफ तेजी से आने लगती है ताकि वो आकाश को कुचल दे. इसी बीच पास में ही एक शिकारी एक खरगोश पर बन्दुक चला देता है खरगोश डर क्र उछलता है और सीधा सिमी की कार से टकरा जाता है, सिमी ये देख कर घबरा कर आँख बंद कर लेती है और जिससे तेज गति में जा रही कार पलट जाती है और कार जल जाती है, जिसमे सिमी भी जल कर मर जाती है. 
आकाश वहां से भाग जाता है और मुंबई चला जाता है, फिर वहां अपने एक दोस्त की मदद से लन्दन चला जाता है. 
दो साल के बाद एक दिन लन्दन में सोफी घूम रही थी, तभी उसने वहां आकाश के शो का पोस्टर देखा. जब वो शो में जाती है तब वो देखती है कि आकाश अब भी नेत्रहीन बना हुआ है. आकाश उसे सारा घटना चक्र बताता है. और फिर से आकाश और सफी के बीच दोस्ती हो जाती है.

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