Friday, 5 August 2016

मदारी (Madari) 2016


फ़िल्म मदारी इरफ़ान खान की वर्ष 2016 की एक हिट फ़िल्म है। यह फ़िल्म 22 जुलाई 2016 को पुरे भारत में रिलीज हुई।

निर्माता - इरफ़ान खान, शैलेन्द्र सिंह, मदन पालीवाल, शैलजा केजरीवाल
निर्देशक - निशिकांत कामत
संगीत निर्देशन - विशाल भारद्वाज, सनी - इन्दर बावरा
अभिनेता - इरफ़ान खान, जिम्मी शेरगिल, विशेष बंसल, तुषार दलवी, नितेश पाण्डेय, साधील कपूर 

फ़िल्म की कहानी -

निर्मल कुमार (इरफ़ान खान) एक साधारण इंसान है जो मुम्बई में इंटरनेट नेटवर्किंग का काम करता है। उसकी पत्नी एक बेटे को जन्म देती है। लेकिन किसी कारणवश उसकी पत्नी अपने पति और छोटे बेटे को छोड़ अमेरिका चली जाती है।निर्मल अपने बेटे राहुल को पाल पोस कर बड़ा करता है। निर्मल की सारी जान अपने बेटे में ही अटकी है। एक दिन जब राहुल स्कुल जा रहा होता है तभी रास्ते में एक पुल गिर जाता है मासूम बच्चा राहुल समेत कई लोग उस पुल में दब कर मर जाते हैं।

इस दर्दनाक घटना ने निर्मल को बदहवास कर दिया।। इस घटना से विचलित हो कर वो ख़ुदकुशी करने वाला था लेकिन उसने अपना विचार त्याग दिया और अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए वो देश के गृहमंत्री प्रशांत गोस्वामी (तुषार दलवी) के दस वर्षीय बेटे रोहन (विशेष बंसल) का अपहरण करने की योजना बनाता है। रोहन देहरादून के एक बोर्डिंग स्कुल में पढ़ता है। वो हर रात के 11 बजे अपने हॉस्टल के गार्ड से छिप कर अपने दोस्त चीकू के साथ चाट पकौड़े खाने बाजार जाता था। निर्मल पहले कुछ दिन रोहन पर नजर रखता है फिर निर्मल उसे अपने जाल में फंसाने के लिए खुद भी चाट का एक ठेला लगा लेता है। एक रात मौक़ा पा कर रोहन और उसके दोस्त चीकू को नशीला चाट पकौड़ा खिला देता है। जिससे हॉस्टल लौटते वक़्त रोहन और उसका दोस्त रास्ते में बेहोश हो जाते हैं। निर्मल वहां आ कर रोहन को उठा लेता है और रोहन को लेकर फरार हो जाता है। 
रोहन का अपहरण राजनितिक महकमो में हलचल मचा देता है। गृहमंत्री प्रशांत गोस्वामी अपने बेटे के अपहरण की खबर को मिडिया में लीक होने से बचाने की कोशिश करता है ताकि सरकार की बदनामी होने से बचा जा सके। और अपहरण का पर्दाफाश करने के लिए सीबीआई ऑफिसर नचिकेत वर्मा (जिम्मी शेरगिल) को जिम्मेवारी सौंपता है। नचिकेत पूरी तरह से इस अपहरण को अपने तरीके से हैंडिल करता है। वो नहीं चाहता कि इस अपहरण की खबर लीक हो जिससे किसी प्रकार का पैनिक हो और बच्चे की जान को खतरा हो। जहाँ निर्मल चाट का ठेला लगाता था , नचिकेत वहां पहुंचता है और वहां आसपास के दुकानदारों से पूछताछ कर निर्मल का स्केच तैयार करवाता है। फिर उसी स्केच के माध्यम से वो निर्मल के किराये के रूम में भी पहुँच जाता है। लेकिन वहाँ उसे कुछ नहीं मिलता है। 
उधर निर्मल रोहन को ले कर वेष बदल बदल कर कई जगह भागता फिरता है। वो रोहन को झूठी धमकी देते रहता है कि रोहन का दोस्त उसके कब्जे में है, इसलिए यदि रोहन ने भागने की कोशिश की तो उसका दोस्त चीकू  मारा जायेगा। इसी डर से रोहन चाह कर भी निर्मल से दूर नहीं जाता है। 
निर्मल चीकू के पिता के माध्यम से प्रशांत गोस्वामी के पास मैसेज भिजवा कर कहता है कि मेरा बेटा खो गया है, उसका पता लगाओ तभी वो रोहन को छोड़ेगा।  प्रशांत और सीबीआई ऑफिसर नचिकेत को समझ में नहीं आता कि ये अपहरणकर्ता कौन है और कहाँ का है ताकि उसके बेटे को खोजा जा सके। लेकिन हर जगह सर्च ऑपरेशन चलवा देता है। उधर वो लोग ये भी पता लगा रहे हैं कि किसका बेटा गुम हो गया जो मिल नहीं रहा है।
जब मिडिया में रोहन के अपहरण की कोई खबर नहीं आती है तो परेशान निर्मल खुद ही फेसबुक के जरिये रोहन के अपहरण की खबर सारी दुनिया को बता देता है। इसके बाद प्रशांत पर राजनितिक दवाब बढ़ जाता है कि जल्द से जल्द इस केस का पटापेक्ष करे।
उधर सोशल मिडिया में अपहरणकर्ता निर्मल के पक्ष में लोग अपना मत प्रकट करने लगते हैं। निर्मल प्रशांत को फोन पर संकेत देता है कि उसका बेटा हाल ही में खोया है। इसके बाद नचिकेत को एक अफसर बताता है कि हाल ही में मुम्बई में एक पुल गिरा था , हो सकता है कि अपहरणकर्ता का बेटा उसी हादसे में खोया हो।
उधर रोहन की माँ भी सोशल मिडिया पर अपने बेटे को छोड़ देने की गुहार लगाती है। और वो रोहन की तस्वीर भी पोस्ट कर देती है। इससे रोहन की तस्वीर वायरल हो जाती है। जयपुर में जब निर्मल और रोहन एक होटल में रुकने की कोशिश कर रहे थे तभी होटल मैनजर रोहन को पहचान लेता है। मैनेजर उन दोनों को पकड़ने की कोशिश करता है लेकिन निर्मल रोहन को लेकर भाग जाता है।
पुलिस को इसकी सुचना मिल जाती है। वो लोग जयपुर पहुँचते हैं लेकिन तबतक निर्मल और रोहन वहां से निकल चुके होते हैं और राजस्थान के किसी गुमनाम जगह पर छिप जाते हैं।
तभी नचिकेत को सुचना मिलती है कि मुम्बई में एक व्यक्ति ने अपहरणकर्ता को जानने का दावा किया है। नचिकेत मुम्बई जाकर एक बूढ़े से मुलाक़ात करता है जो बताता है एक आदमी का बेटा पुल के नीचे दब कर मर गया था। उस आदमी ने अपने बेटे की मौत के बाद मुआवजे के रूप में मिलने वाले सरकारी राशि के उपयोग से अपने बेटे की मौत का बदला लेने की बात की थी। नचिकेत मुआवजा लेने वालों के लिस्ट से निर्मल के घर का पता लगा कर उसके घर पर पहुंच जाता है और वहाँ निर्मल की तस्वीर पाता है।
अब निर्मल को सोशल मिडिया के माध्यम से पता चल गया कि पुलिस ने उसके बारे में पता लगा लिया है। अब वो प्रशांत को फोन कर के पुल गिरने के दोषी लोगों को सजा दिलाने की बात करता है। दोनों में गर्मागर्म बहस होती है। प्रशांत निर्मल को दिल्ली के जंतर मन्तर पर बुलाता है ताकि भ्रष्टाचार पर सार्वजनिक रूप से बहस की जा सके। निर्मल चुनौती को स्वीकार कर लेता है। निर्मल जंतर मन्तर पर प्रशांत से बहस करने की बात को सोशल मीडिया पर बता देता है। मीडिया में भी पुल गिरने के पीछे भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं की चर्चा होने लगती है। मीडिया के दवाब के कारण पार्टी के कई नेता पर पुल भ्रष्टाचार के मामले में गाज गिरती है। पूरा देश का ध्यान जंतर मन्तर पर होने वाले बहस पर केंद्रित हो जाता है। 
पुलिस निर्मल को दिल्ली के बस स्टैंड पर ही मार डालने का प्लान बनाती है।सारे दिल्ली को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया जाता है। लेकिन निर्मल पुलिस को दिल्ली में उलझा कर मुम्बई  स्थित अपने घर पहुंच जाता है।
और वहाँ से टीवी मीडिया के द्वारा प्रशांत गोस्वामी समेत पुल निर्माण में लगे ठेकेदार, इंजीनयर, अफसर को अपने घर पर बुलाता है। सभी निर्मल के घर पहुंचते हैं। निर्मल ने टीवी चैनल वाले को अपने घर के अंदर लाता है और लाइव टीवी प्रसारण कर बन्दूक की नोक पर सभी आरोपियों को पुल गिरने के पीछे असली सच उगलने पर मजबूर करता है। ठेकेदार से लेकर इंजीनयर, नेता और खुद प्रशांत कबूल करते हैं कि पुल बनाने में भ्रष्टाचार हुआ था और ऊपर से नीचे सभी लोग इसमें शामिल थे। और इसके अलावा भी राजनितिक भ्रष्टाचार का कड़वा सच भी टीवी के जरिये सारी दुनिया को पता चल जाता है।
सच्चाई का पर्दाफाश होने पर निर्मल सभी लोगों को घर से बाहर जाने को कहता है। प्रशांत अपने बेटे रोहन को लेकर निकल जाता है। लेकिन जाने के पहले रोहन निर्मल को कहता है कि वो भी अब सब समझ गया है। पुलिस निर्मल को गिरफ्तार कर लेती है।

ये फ़िल्म राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार पर लोगों को जागरूक करती है। फ़िल्म काफी अच्छी है। इस फ़िल्म को 5 में से 3 स्टार दिए जाते हैं।

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