Tuesday, 16 May 2017

Bahubali 2 (बाहुबली 2) 2017

बाहुबली 2 28 अप्रैल 2017 को पुरे भारत और विदेश में 9000 थियेटरों में एक साथ रिलीज हुई. मूल रूप से ये फिल्म तेलगु भाषा में बनी थी. किन्तु तमिल, कन्नड़, मलयालम , हिंदी भाषा में इसे डब किया गया.
बाहुबली 2 वर्ष 2017 की सबसे अधिक सुपरहिट फिल्म साबित हुई. इस फिल्म ने लगभग 1500 करोड़ रूपये कमाए जो भारतीय सिनेमा जगत की अब तक की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म है.
इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाया है - प्रभास (अमरेन्द्र बाहुबली/ महेंद्र बाहुबली, राणा डग्गुबती (भल्लाल्देव), अनुष्का शेट्टी (देवसेना), रम्या कृष्णन (शिवगामी), सत्यराज (कटप्पा), नासर (बिजाला देव),  तमन्ना भाटिया (अवंतिका) आदि .

इस फिल्म का निर्देशन किया है एस एस राजामौली ने.  संगीत दिया है एम एम किरावानी ने.
फिल्म की कहानी इस प्रकार है -

कालकेय से जीतने के बाद अमरेन्द्र बाहुबली को माहिष्मती साम्राज्य का भावी राजा और भल्लाल देव  को सेनापति घोषित कर दिया जाता है। राज्याभिषेक होने से पूर्व ही अमरेन्द्र की ताई  माँ, शिवगामी उसके लिए दुल्हन की तलाश करने लगती है। वह अमरेन्द्र और कटप्पा को बोलती है कि साम्राज्य की स्थिति और इसके लोगों को समझने के लिए इसका दौरा करें।

अपनी माँ के आदेश का पालन करने हेतु अमरेन्द्र बाहुबली अपने साम्राज्य का दौरा पर निकल पड़ता है. दौरा करते करते उसकी मुलाक़ात कुंतल राज्य की राजकुमारी देवसेना से हो जाती है. देवसेना के सौन्दर्य और बहादुरी पर अमरेन्द्र आसक्त हो जाता है और वो एक गरीब युवक का वेश धारण कर राजकुमारी के साथ उसके राजमहल में चला जाता है. धीरे धीरे देवसेना को शक होने लगता है कि जिसे वो गरीब व सरल शिवा समझ रही है दरअसल वो कोई योद्धा है. और वो उसे मन ही मन चाहने लगती है. इसी बीच अमरेन्द्र के कुंतल राज्य में होने की बात भल्लाल देव को पता चलती है साथ ही वो देवसेना की तस्वीर भी देखता है. देवसेना की तस्वीर देखते ही भाल्लाल्देव उस पर मोहित हो उठता है. उसकी माँ शिवागामी को जब ये पता चलता है कि भाल्लाल्देव को देवसेना पसंद है लेकिन  शिवगामी को इस बारे में नहीं पता होता है कि देवसेना से अमरेन्द्र प्यार करता है, इस कारण वह उसकी शादी देवसेना से कराने का वादा कर देती है। और वह  कुंतल देश के पास देवसेना और भल्लाल्देव के विवाह के रिश्ते के लिए काफी धन दौलत के साथ न्योता भेजती है .

जब शिवगामी शादी का प्रस्ताव कुंतल राज्य को भेजती है तो दूत उस प्रस्ताव को इस प्रकार लिखता है जैसे किसी घमंडी व्यक्ति ने लिखा है। देवसेना इस शादी के प्रस्ताव को कड़े शब्दों के साथ मना कर देती है। जब शिवगामी को उसका उत्तर मिलता है तो वह क्रोध में आकर अमरेन्द्र बाहुबली को संदेशा भेजती है कि देवसेना को बंदी बना कर माहिष्मती के राजदरबार में पेश किया जाय.

इसी बीच एक रात को कुंतल साम्राज्य पर पिंजरियों लुटेरों का हमला हो जाता है। देवसेना की भाभी के भाई कुमार वर्मा की सहायता से अमरेन्द्र उस हमले को विफल कर देता है और कुंतल को बचा लेता है। और तब सब अमरेन्द्र से पूछते हैं कि बतावें कि वो वास्तव में कौन हैं. तब अमरेन्द्र उसे बता देता है कि वह कौन है. तभी शिवागामी का भेजा हुआ संदेशा अमरेन्द्र को मिलता है जिसमे देवसेना को बंदी बना कर राजदरबार में लेन का आदेश है. अमरेन्द्र देवसेना को आश्वस्त करता है कि वो उसके साथ निःसंदेह हो कर माहिष्मती चले जहाँ ताई शिवागामी उनदोनो का विवाह करवा देगी. अमरेन्द्र बाहुबली के साथ विवाह करने को सोच कर देवसेना ख़ुशी ख़ुशी बाहुबली के साथ माहिष्मती राज्य आ जाती है

जब वो माहिष्मती  पहुँचता है, तब उसे शिवागामी के गलतफहमी का पता चलता है। शिवागामी देवसेना को आदेश देती है कि वो भल्लाल देव के साथ विवाह कर ले. किन्तु देवसेना इस प्रस्ताव को ठुकरा देती है और बाहुबली के साथ विवाह करने की इच्छा प्रकट करती है. नाराज हो कर शिवागामी देवसेना को बंदी बनाने का आदेश देती है लेकिन तभी बाहुबली आगे आ कर देवसेना की रक्षा करता है और कहता है कि मैंने इसे वचन दिया है कि मैं ही इसका पति बनूँगा. शिवगामी क्रोध में आकर  बाहुबली को  सिंहासन या देवसेना में से किसी एक को चुनने बोलती है। वह देवसेना को चुनता है। इस कारण भल्लाल को वहाँ का राजा बना दिया जाता है और अमरेन्द्र को सेनापति बना दिया जाता है.  पर  प्रजा की नजर में बाहुबली ही असली राजा है.

कुछ समय बाद देवसेना गर्भवती हो जाती है . देवसेना की गोद भराई रस्म में उपहार के नाम पर भल्लाल्देव  अमरेन्द्र बाहुबली को सेनापति के कार्य से छुट्टी दे दी थी, जिससे वह अपनी पत्नी के साथ रह सके। उसी समय देवसेना राजा भल्लाल के इस अन्याय के खिलाफ बोलती है और शिवगामी के चुप रहने पर भी सवाल उठाती है।
जिससे घरेलु तनाव बढ़ जाता है. कुछ ही दिन के बाद देवसेना शिवमंदिर जाती है. जहाँ सेनापति उसका बदन छूने की कोशिश करता है. देवसेना उसकी ऊँगली पर कटार से प्रहार कर उसकी ऊँगली काट देती है. देवसेना को जंजीरों में जकड़ कर राजदरबार में पेश किया जाता है. तभी बाहुबली दरबार में आ जाता है. और सेनापति के दुस्साहस को जान कर क्रोध में सेनापति को वहीँ मार देता है. इस से शिवागामी काफी क्रोधित होती है एवं बाहुबली के इस कृत्य को राजद्रोह मान कर उसे राजमहल से निकालने का आदेश जरी कर देती है.
बाहुबली और देवसेना उसी वक़्त राजमहल से निकल कर आम प्रजा के बीच चले जाते हैं.  वह दोनों बाहर लोगों के बीच खुशी से जिन्दगी बिताने लगे थे. जनता अभी भी बाहुबली को ही असली राजा मानती है. इसे देख भाल्लादेव काफी क्रोधित होता है. और एक रात वो षड्यंत्र रच कर बाहुबली के ससुराल पक्ष के कुमारदेव को अपने कक्ष में बुला कर उसकी ह्त्या कर देता है और शिवागामी को कह देता है कि कुमारदेव बाहुबली के कहने पर ही मुझे (भल्लाल्देव) को मारने आया है. इससे शिवागामी का क्रोध और भड़क जाता है और वो कटप्पा को आदेश देती है कि माहिष्मती साम्राज्य की रक्षा करने के लिए बाहुबली की ह्त्या कर दे. पहले तो कटप्पा इनकार कर देता है लेकिन शिवागामी अपनी सौगंध दे कर कटप्पा को इस कार्य करने को मजबूर कर देती है.
जिस रात देवसेना प्रसव पीड़ा से गुजर रही थी उसी वक़्त एक ग्रामीण बाहुबली को सूचित करता है कि कटप्पा को राजद्रोह के आरोप में मारा जा रहा है. बाहुबली देवसेना को कुटिया में छोड़ तेजी से वहाँ जाता है जहाँ कटप्पा को मारने का नाटक किया जा रहा था. बाहुबली उसे बचाता है. तभी कई सारे हमलावर आ कर उन दोनों पर आक्रमण कर देते हैं. दोनों हमलावरों से लड़ रहे होते हैं. बाहुबली का ध्यान अपने दुश्मनों पर था तभी पीछे से आकर कटप्पा ने बाहुबली के पीठ में तलवार घोंप दिया.  कटप्पा ने घायल बाहुबली को बताया कि राजमाता शिवागामी ने ही मुझे तुम्हारे ह्त्या का आदेश दिया था. लेकिन फिर भी बाहुबली कटप्पा को कहता है कि आप मेरी माँ का ख्याल रखना. और बाहुबली की मौत हो जाती है. 
तभी वहां भल्लाल्देव आ जाता है और बाहुबली के शव पर फरसे से वार करते हुए अपने मन की सारी भड़ास निकाल देता है और ये भी कह देता है कि किस तरह साजिश रच कर कुमारदेव की ह्त्या कर उसे बाहुबली की साजिच साबित कर दिया. ये सुन कर कटप्पा चौंक जाता है. वो दौड़ा दौड़ा शिवागामी के पास जाता है और रोते हुए सारी बात बताता है कि असली साजिश भल्लाल्देव ने किया था ताकि बाहुबली को राजद्रोही साबित किया जा सके. ये सुन कर शिवागामी अपने पुत्र भल्लाल्देव पर अत्यंत क्रोधित होती है. उसी वक्त देवसेना अपने नवजात पुत्र को लेकर राजमहल आ जाती है और शिवागामी के पास आती है. शिवागामी देवसेना से माफ़ी मांगती है.
तभी भल्लाल्देव वहां आता है और अपनी माँ को कहता है कि अमरेन्द्र बाहुबली के नवजात पुत्र को भी मार दीजिये ताकि भविष्य में ये भी राजद्रोही ना बन जाय.  राजमहल के बाहर हजारों नागरिकों की भीड़ जमा हो गयी थी. और वो अमरेन्द्र बाहुबली की मौत की सच्चाई जानना चाहती थी. शिवागामी ने बाहुबली के नवजात शिशु को अपनी गोद में उठाया शिवगामी महल के बाहर घबराई हुई भीड़ को बताती है कि अमरेन्द्र मर चुका है और अब उसका पुत्र महेन्द्र बाहुबली नया राजा होगा।
ये सुन कर भल्लाल्देव शिवागामी से उस बच्चे को छीनना चाहता है लेकिन कटप्पा ने शिवागामी और देवसेना को भागने के लिए दीवार बन कर खड़ा हो गया. देवसेना अत्यंत कजोर हो चुकी थी इसलिए वो भाग नहीं सकी लेकिन शिवागामी को कहती है कि इस बच्चे को बचाने के लिए आप इसे ले कर गुप्त रास्ते से भाग जाइये.
भाल्लादेव के आने के पहले ही शिवागामी बच्चे के साथ गुप्त रास्ते में प्रवेश कर जाती है. और महल से बाहर निकल जाती है. भल्लाल्देव राजमहल की छत से ही अपनी माँ शिवागामी पर तीर से प्रहार करता है जो शिवागामी के पीठ में आ कर लगता है. किन्तु वो बच्चे को लेकर नदी में गिर जाती है. भल्लाल को लगता है कि शिवागामी नदी में डूब गयी.
देवसेना को कैद कर लिया जाता है .
25 वर्ष बाद जब इतनी कहानी अमरेन्द्र बाहुबली को पता चलती है तो वो माहिष्मती को भल्लाल्देव से मुक्त करने की सौगंध खाता है और राजमहल पर हमला कर देता है. इसी बीच भल्लाल्देव राजमहल से बाहर आ कर देवसेना को उठा कर वापस राजमहल चला आता है.
 महेंद्र बाहुबली अपने दिमाग का इस्तेमाल कर सभी सैनिकों सहित राजमहल में प्रवेश करता है. भीषण युद्ध होता है. इस युद्ध में अंत में भल्लाल्देव की हार होती है. देवसेना उसे जिन्दा चिता में जला कर अपना प्रतिशोध लेती है.
महेन्द्र बाहुबली का राज्याभिषेक होता है और महिस्मती का नया राजा बन जाता है।

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