फिल्म "टाइगर जिन्दा है" 22 दिसम्बर 2017 को भारत सहित खाड़ी देशों में व अन्य कई देशों में रिलीज हुई। रिलीज होने के साथ ही इस फिल्म ने सफलता के कई रिकॉर्ड बना दिए।
कलाकर -
सलमान खान (अविनाश 'टाइगर' सिंह राठौर)
कटरीना कैफ (जोया)
सज्जाद दिलफरोज (अबु उस्मान)
परेश रावल ( फिरदौज)
कुमुद मिश्रा ( राकेश)
गिरीश कर्नाड (रॉ अधिकारी शिनॉय)
निर्देशक - अली अब्बास जफर
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कहानी - मध्य एशिया के सीरिया देश में अबु उस्मान का आतंकवादी संगठन अपना कब्जा जमा लेता है। अमेरिकी फ़ौज उसका पीछा करती है। और हमले में अबु उस्मान घायल हो जाता है। उसके साथी उसे आनन फानन में एक अस्पताल ले कर जाते हैं। वहां कई सारी नर्स रहती है जिसमे 25 भारतीय और 15 पाकिस्तानी मूल की हैं। अबू उस्मान के लोग उन सभी नर्सों को बंधक बना कर उनका मोबाइल भी छीन लेते हैं। लेकिन एक भारतीय नर्स मरिया किसी तरह छिप कर अपने घर वालों से सम्पर्क बनाती हैं और उसे अपने हालात के बारे में बता देती है। बात भारत सरकार के गृह मंत्रालय तक पहुँचती है। उधर सीरिया में अमेरिकी फ़ौज अबू उस्मान के ठिकाने अस्पताल पर हवाई हमले की तैयारी करते हैं। लेकिन इस हमले में दूसरे सभी बंधक के भी मारे जाने की पूरी संभावना है। भारतीय रॉ के अधिकारी अमेरिकी फ़ौज कमांडर से कहते हैं कि उस अस्पताल में नर्सें भी बंधक है इसलिए उसपर बमबारी ना करें। लेकिन अमेरिकी फ़ौज भारतीय रॉ को मात्र 7 दिन की मोहलत देती है जिसके अंदर वो अपने देश की नर्सों को किसी तरह निकाल ले। ऐसी गंभीर परिस्थिति में रॉ के वरिष्ठ अधिकारी शिनॉय भारतीय नर्सों को अबू उस्मान के छुड़ाने की जिम्मेदारी टाइगर को सौंपने की सलाह देते हैं। जब कि भारत सरकार की नजर में टाइगर एक फरार लापता रॉ एजेंट है। लेकिन शिनॉय को पता है कि टाइगर कहाँ है। वो उस तक पहुंचने के लिए निकल पड़ता है।
उधर टाइगर अपनी बीबी जोया और एक बेटा जूनियर के साथ किसी यूरोपीय देश में अंजान शख्स के रूप में रह रहा है। शिनॉय अपने एक सहयोगी के साथ टाइगर के घर पर आ जाता है। शिनॉय टाइगर से अनुरोध करता है कि वो भारतीय नर्सों को अबू उस्मान के चंगुल से आजाद करवाने के ऑपरेशन में मदद करे। टाइगर इस मिशन के लिए तैयार हो जाता है। और अपने तीन सहयोगी अजान, नामित और राकेश के साथ सीरिया के उसी शहर में पहुंच जाता है जिस शहर में अबू उस्मान छिपा हुआ है। वहां वो चारों एक कारखाने में मजदुर के वेष में पहुँचते हैं, जहाँ फिरदौज नामक एक ठेकेदार को टाइगर पर शक होता है। लेकिन फिर भी टाइगर अपने सहयोगी के साथ कारखाने में प्रवेश कर जाता है और कारखाने के सारी जानकारी ले लेता है।
अगले दिन टाइगर उसी शहर में रहने वाले रॉ एजेंट पवन के पास गुप्त जानकारी लेने जाता है। तभी उसकी नजर एक बच्चे पर पड़ती है जो आत्मघाती मानव बम बन कर एक भीड़ को विस्फोट के जरिये उड़ाने के लिए आया हुआ था। टाइगर उस बच्चे को ना सिर्फ ऐसा करने से रोकता है बल्कि उसके शरीर पर से बम भी हटा देता है। इसी क्रम में उसकी झड़प आतंकवादियों से होती है। झड़प के दौरान ही वहां जोया आ धमकती है। टाइगर जोया को वहां देख हैरान रह जाता है। किसी तरह वो दोनों वहां से निकल कर एक सुरक्षित जगह पर पहुँचते हैं। तब जोया बताती है कि उसे पता चला है कि अबू उस्मान ने ना सिर्फ हिंदुस्तानी नर्सों को बल्कि पाकिस्तानी नर्सों को भी बंधक बनाया हुआ है। इसलिए पाकिस्तान की सरकार ने जोया को पाकिस्तानी नर्सों की रिहाई का काम सौंपा है। इसके लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के कुछ एजेंट भी जोया की मदद की खातिर इस अभियान में शामिल होने आये हैं।
टाइगर फैसला करता है कि मानवता की रक्षा के लिए रॉ और आईएसआई दोनों मिल कर इस मिशन को अंजाम देंगे।
इसी दरम्यान फिरदौज को टाइगर और जोया की असलियत का पता चल जाता है, तब फिरदौज यह खुलासा करता है कि वो खुद भी रॉ का ही एजेंट है। तब टाइगर फिरदौज को सारी योजना की जानकारी देता है।
अब टाइगर का लक्ष्य किसी तरह अस्पताल में प्रवेश करना होता है। इसलिए वो योजना के तहत कारखाने में एक छोटा सा दुर्घटना करता है जिसमे टाइगर और उसके तीन साथी मामूली रूप से जल जाते हैं। फिरदौज की मदद से उन चारों को इलाज के लिए उसी अस्पताल में लाया जाता है जहाँ अबू उस्मान का इलाज चल रहा है। अबू उस्मान की हालत पहले से काफी अच्छी हो गयी थी। वो वहां से निकलना चाहता है। लेकिन अमेरिकी फ़ौज की डर से वो वहां छिपा हुआ था।
उधर जोया आतंकवादियों के मददगार हसन को मारने उसके घर में जाती है। जहाँ वो हसन को तो मार देती है किंतु खुद पकड़ी जाती है।
अब जिस दिन अस्पताल पर बमबारी होने वाली है उस दिन टाइगर ने एक योजना के तहत कैंटीन में बने भोजन में हाजमा ख़राब होने का केमिकल मिला देता है। उस खाना को खाते ही अबू उस्मान के साथी बीमार पड़ जाते हैं। नर्सों ने ऐसा इंजेक्शन तैयार कर रखा था जिसे लगाने पर बीमार आतंकवादी लोग बेहोश हो गए। मौके का फायदा उठा कर टाइगर सभी नर्सों और अपने साथियों को एक बस में बिठा कर अस्पताल से निकल पड़ता है। अभी वो रास्ते में ही था कि देखता है कि सड़क के बीचों बीच अबू उस्मान ने जोया को बंधक बना कर रख दिया है। मजबूरन टाइगर को वहां रुक गया। अबू उस्मान फिर से टाइगर, जोया सहित सभी नर्सों को बंधक बना देता है। लेकिन टाइगर बहादुरी दिखाता है और भीषण मारकाट के बाद सभी नर्सों और अपने साथियों को वहां से निकाल देता है। अबू उस्मान बुरी तरह घायल हो जाता है। अबू उस्मान को बाहर निकालने के लिए फिरदौज उसे अपनी कार में बिठा देता है। और उसके पीछे नर्स से भरी बस को आने देता है। अबू उस्मान को देख कर कोई भी आतंकवादी बस को नहीं रोकता है क्यों कि सबको यही लगता है कि इस बस में अमेरिकी बंधक नागरिक हैं जो अबू उस्मान के सुरक्षा की गारंटी है। लेकिन जब फिरदौज आतंकवादियों की पहुँच से दूर आ जाता है तब वो अबू उस्मान को अपनी हकीकत बताता है और उसे गोली मार देता है।
उधर अस्पताल में टाइगर जोया को खोजता है। जोया के शरीर पर टाइम बम लगा हुआ था। टाइगर उस बम को निकलता है और जोया को ले कर सुरक्षित निकल जाता है। तभी अमरीकी फ़ौज ने अस्पताल को बम से उड़ा दिया।
सबको लगता है कि टाइगर और जोया इस बमबारी में मारे गए। लेकिन कुछ समय बाद शिनॉय को एक फोन आता है जो टाइगर का है। टाइगर उसे बताता है कि वो और जोया सुरक्षित हैं और देश को जब भी मेरी जरूरत होगी तब मैं जरूर फिर हाजिर हो जाऊंगा।और इस तरह फिल्म समाप्त हो जाती है ।
फिल्म की समीक्षा - फिल्म का कैनवास बड़ा है। सलमान खान को सुपरमैन बना दिया गया है। जहाँ सैकड़ों आतंकवादी सलमान खान पर गोली चलाते हैं लेकिन सलमान को एक भी गोली छू नहीं पाती। कभी कभी फिल्म रुक सी जाती है। एक्शन सीन की भरमार है। कहानी में कई घटना अनावश्यक रूप से जोड़ी गयी है। जैसे बर्फ की वादियों में शिकारी गीदड़ का हमला, पवन का अनावश्यक रोल, आदि। ऐसा लगता है कि फिल्म की अवधी को बढाने के उद्देश्य से कई सारी नाटकीय घटना को जोड़ा गया है, क्यों कि कहानी में कुछ ख़ास रोमांच नहीं है। सलमान खान इस फिल्म में टाइगर के बदले सुल्तान की तरह दिखते हैं। यूरोप में बैठे बैठे किसी को रॉ की सारी इन्फोर्मेशन कैसे पता है, ये नहीं बताया गया है। फिल्म में ये भी नहीं बताया गया कि पाकिस्तान की आइएसआई को जोया के निवास स्थान का पता कैसे चला? शिनाय के नाक में हमेशा ऑक्सीजन की पाइप लगे होने दिखाने की क्या आवश्यकता थी? क्या किसी के नाक में ऑक्सीजन की पाइप लगी हो तो वो किसी बर्फीली जगह पर टाइगर को खोजने जाएगा? अगर शिनाय को टाइगर के निवास स्थान के बारे में पता था तो वो पहले वहां क्यों नहीं गया? सलमान खान से ज्यादा मेहनत कैटरीना कैफ ने दिखाया है. इस तरह कई सारे दृश्य के बावजूद यदि आप सलमान खान के फैन हैं तो फिल्म देख सकते हैं.
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